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द गर्ल इन रूम 105

सिकंदर?' सौरभ ने कहा।


'कोई भी अपनी बहन को इतनी महंगी ईयररिंग्स नहीं देता है। फिर, सिकंदर पतला-दुबला और छोटे कद

का था।' 'हो सकता है, सिकंदर ने किसी को भेजा हो। या फिर कौन जाने रघु ने ही किसी को भेजा हो। रघु पैसे

वाला है।' 'मैं अभी रघु से बात करके पूछ लेता हूं, मैंने कहा और अपना फ़ोन निकालकर उसे व्हॉट्सएप्प

पर 'हाय'

मैसेज भेज दिया।

'हे, केशव, बहुत दिनों बाद क्या चल रहा है?" उसने एक मिनट में जवाब दे दिया।

'मैं बस तुमसे एक चीज़ पूछना चाहता था।'

" श्योर' रघु ने कहा। "अभी तुम कहां हो?"

"मैं सैन फ्रैंसिस्को में हूं और अभी-अभी यहां पहुंचा हूं।"

'बाऊ, तुम तो बहुत दूर हो।' "हां, मैं यहां एक इंवेस्टर मीटिंग में आया था।"

"ओह, अभी वहां क्या बज रहा है?"

उसने पांच मिनट बाद जवाब दिया।

'अभी यहां दोपहर है।" 'सॉरी, शायद तुम बिज़ी हो।'

'इट्स ओके। मैं थोड़ी-बहुत चैट कर सकता हूँ। अभी मेरी मीटिंग शुरू नहीं हुई । ' "क्या तुमने कभी ज़ारा को कोई बहुत ही महंगा गिफ्ट दिया था?" "नहीं तो वैसे भी उसे महंगी चीजें पसंद नहीं थी। हां, मैंने उसे एक आईफोन

जरूर दिया था।'

"कब?"

"उसके पिछले बर्थडे पर क्यों, क्या बात है? जारा वाले केस पर काम कर रहे हो? 'हां, थोड़ा-बहुत तो तुमने उसे कोई ज्वेलरी नहीं दी?

'नहीं, कभी भी नहीं। मैंने उसे केवल गॅजेट्स ही गिफ्ट किए हैं। जैसे ब्लूटूथ स्पीकर्स, हेडफोन्स, इस तरह की

चीजें।"

'थैंक्स, ' मैंने जवाब में लिखा। लूज़र साला, मैंने मन ही मन सोचा ।

"क्या बात है?' उसने कहा। 'अब मैं इसको क्या जवाब दू?" मैंने सौरभ से पूछा।

"उसको कह दो कि उसके पैरेंट्स ईयररिंग्स के बारे में पूछ रहे थे, सौरभ ने कहा । 'लेकिन वो तो उसको भी सीधे फोन करके पूछ सकते हैं, मैंने कहा। 'रुको, मेरे पास एक आइडिया है।'

मैंने रघु को फिर व्हॉट्सएप्प किया, 'जारा की हॉस्टल फ्रेंड सनम राजदान ने मुझे कॉल किया था। वो कह

रही थी कि जारा ने उसे अपनी एक जोड़ी ईयररिंग्स रखने को दी थीं, जो उसे गिफ्ट में मिली थीं।'

'ओह, रियली?' रघु ने कहा । 'हां, मैंने कहा। मैं निश्चित नहीं था कि रघु को मेरी बात पर यकीन हो रहा होगा।

'मैंने उसे नहीं दीं। शायद किसी और ने दी हो?"

'वो बहुत महंगी ईयररिंग्स हैं? तीन लाख रुपए से भी ज्यादा की। ' मैंने ईयररिंग्स की एक तस्वीर ली और उसे भेज दी। उसने दो मिनट बाद जवाब दिया।

"ये तो बहुत ही शानदार हैं। ये कोई आम दोस्त नहीं दे सकता।'

"वही तो।'

'हो सकता है उसके पैरेंट्स ने दी हों या किसी रिलेटिव ने?" 'हो सकता है, ' मैंने कहा 'मैं उन्हें उसके पैरेंट्स को दे दूंगा।'

'हां प्लीज़, उन्हें ही दे देना, रघु ने कहा। 'जरूर। वैसे तुम कब तक इंडिया आ रहे हो?"

"मैं इसी दोपहर को रिटर्न फ़्लाइट पकड़ लूंगा। आजकल मेरे पास बहुत काम है।'

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